ज्योति बेरवाल ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में जापानी खिलाड़ी को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया।
ज्योति की इस जीत ने न केवल उनका व्यक्तिगत सपना पूरा किया, बल्कि उन अनगिनत लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त किया है, जो समाज की बंदिशों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का साहस रखती हैं। उनकी यह सफलता की विजय एक सच्ची मिसाल है कि अगर इरादे दृढ़ हों, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं होती।
यह स्वर्ण पदक केवल ज्योति बेरवाल की नहीं, बल्कि पूरे भारत की जीत है, जो देश की बेटियों के साहस और संघर्ष का प्रतीक है। उनका यह स्वर्ण पदक हर उस सपने की जीत है जिसे पूरा करने की हिम्मत लड़कियां रखती हैं।