भारतीय शतरंज खिलाड़ी Divya Deshmukh, जिन्होंने महिला ग्रैंडमास्टर और इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता है। दिव्या देशमुख ने एशियाई चैंपियनशिप, बिश्व जूनियर चैंपियनशिप, विश्व युवा चैंपियनशिप खेल में कई स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। और उन्होंने ओलंपियाड में भी तीन बार स्वर्ण पदक जीते हैं।
Divya Deshmukh नागपुर, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं और उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही Chess-Game शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी लगन और बुद्धिमत्ता से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं में भाग लिया और उन्हें जीतकर दिखाया। Divya Chess-Game में रणनीतिक सोच, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, और गहरी समझ ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।
Read More: Kashish Lakra story in hindi...
जब हम सोशल मीडिया पर रील्स पर मुजरा करने वाली लड़कियों को हजारों लाइक्स देते हैं, तो हमें यह भी सोचना चाहिए कि Divya Deshmukh जैसी खिलाड़ी, जो देश का मान बढ़ाती हैं, उनके लिए कितनी सराहना होनी चाहिए। उनकी जीत केवल एक मेडल नहीं है, यह उनकी अनगिनत घंटों की मेहनत और संघर्ष की कहानी है।
निष्कर्ष
18 साल की Divya Deshmukh ने गोल्ड मेडल जीतकर अपना और देश का नाम रोशन किया। दिव्या हर लड़का-लड़की के लिए प्रेरणा की मिसाल बन गई हैं।दिव्या देशमुख की कहानी का कुछ खास बाते:
- दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था।
- दिव्या देशमुख ने 5 साल की उम्र में ही पहला पुरस्कार जीता था।
- दिव्या देशमुख ने एशियाई चैंपियनशिप, विश्व जूनियर चैंपियनशिप और विश्व युवा चैंपियनशिप में कई स्वर्ण पदक जीता हैं।
- 2020 में दिव्या ने FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में जीत हासिल किया था।
- 2021 में दिव्या ने भारत की 21वीं महिला ग्रैंडमास्टर का किताब जीता है।