रतन टाटा की अंतिम यात्रा निकलने वाली थी तो सबसे आगे एक दोस्त नजर आए।

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जब रतन टाटा की अंतिम यात्रा निकल रही थी तो एक शख्स बाइक पर सबसे आगे नजर आया। ये रतन टाटा का सबसे युवा दोस्त है। शांतनु नायडू...


रतन टाटा की अंतिम यात्रा निकलने वाली थी तो सबसे आगे एक दोस्त नजर आए। शांतनु नायडू...

जब रतन टाटा के निधन की खबर आई तो शांतनु ने अपनी दोस्ती को समर्पित एक भावपूर्ण नोट शेयर किया। उन्होंने कहा, "इस दोस्ती ने अब मेरे अंदर जो खालीपन छोड़ दिया है, मैं अपनी बाकी की जिंदगी उसे भरने की कोशिश में बिता दूंगा। दुख वह कीमत है जो हम प्यार के लिए चुकाते हैं। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस।"


दोनों की मुलाकात 10 साल पहले 2014 में हुई थी, जब शांतनु ने टाटा समूह के साथ काम करना शुरू किया था। टाटा समूह के पांचवीं पीढ़ी के कर्मचारी शांतनु ने आवारा कुत्तों के लिए अंधेरे में चमकने वाले कॉलर डिजाइन करना शुरू किया था, ताकि वाहन चालकों को उन्हें पहचानने में आसानी हो और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।


और एक चिट्ठी ने बदल दी जिंदगी

शांतनु को अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए फंड की जरूरत थी और उसने रतन टाटा को चिट्ठी लिखकर मदद मांगने का फैसला किया। शांतनु को हैरानी उस वक्त हुई जब रतन टाटा ने दो महीने के भीतर ही जवाबी पत्र लिखकर शांतनु को मुंबई आने और उनके साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया।

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