Pooja Bishnoi Biography
पूजा बिश्नोई राजस्थान के जोधपुर ज़िले के गुड़ा बिश्नोईयान गांव की रहने वाली हैं।
उनका जन्म 10 अप्रैल, 2011 को हुआ था।
पूजा बिश्नोई ने एक बार फिर अपने अद्वितीय प्रदर्शन से पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने 3000 मीटर की दौड़ में नया रिकॉर्ड स्थापित कर खेल की दुनिया में अपनी पहचान को और भी मजबूत कर लिया है। अंडर 19 कैटेगरी में यह उपलब्धि न केवल असाधारण है, बल्कि यह पूजा की कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है।
पूजा का यह सफर आसान नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का डटकर सामना किया और अपनी मेहनत से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंची हैं। 3000 मीटर के रिकॉर्ड के साथ-साथ, उन्होंने बेस्ट एथलीट अवॉर्ड और चार गोल्ड मेडल भी अपने नाम किए हैं।
यह उपलब्धि साबित करती है कि पूजा सिर्फ एक धावक ही नहीं, बल्कि एक महान खिलाड़ी हैं जो अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।
पूजा की इस सफलता पर पूरा देश गर्वित है। उनकी इस यात्रा ने यह सिखाया है कि अगर हौसले बुलंद हों और मेहनत से पीछे न हटें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। पूजा ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन पर उन्हें ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।
हम सभी को पूजा बिश्नोई की इस उपलब्धि पर गर्व है और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं। उनकी यह कहानी खेल प्रेमियों और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है, जो यह दिखाती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
पूजा को Virat Kohli और Mahendra Singh Dhoni जैसे दिग्गज एथलीटों का भी समर्थन हासिल है। Virat Kohli Foundation की तरफ़ से पूजा का पूरा खर्च उठाया जाता है। पूजा Boost Health Drink के विज्ञापन में भी नज़र आ चुकी हैं। पूजा की सफलता उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है जो खेल में भविष्य बनाना चाहते हैं।
FAQ's
Pooja Bishnoi क्या करती है?
युवा एथलीट पूजा बिश्नोई ने एक खास उपलब्धि अपने नाम की है। उन्होंने आल इंडिया आईपीएससी टूर्नामेंट (अंडर19) के 3000 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इससे पहले वह 800 और 1500 मीटर दौड़ में भी मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। यही नहीं उन्होंने चार किलो मीटर क्रॉस कंट्री में भी अपना परचम लहराया है।
Pooja Bishnoi क्यों प्रसिद्ध है?
पूजा बिश्नोई भारत की एक 13 वर्षीय एथलेटिक परी जिसने दौड़ में कीर्तिमान स्थापित किए हैं और अपने सिक्स-पैक एब्स बनाए हैं, ऐसा करने वाली वह भारत की सबसे कम उम्र की लड़की है।