भारतीय पहलवान Kavita Devi, जिन्होंने पहली भारतीय महिला पहलवान के रूप में WWE में भाग लिया और साबित कर दिया की भारतीय महिलाएं किसी भी मामले में कम नहीं हैं।
20 सितंबर 1986 को हरियाणा के जिंद जिले के मालवी गांव में जन्मीं कविता देवी ने अपनी कड़ी मेहनत और साहस के दम पर ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है। वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं। Kavita Devi WWE (World Wrestling Entertainment) में जगह बनाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया।
Kavita Devi का बचपन सामान्य था, लेकिन खेलों के प्रति उनका जुनून हमेशा से खास रहा। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में कबड्डी में हिस्सा लिया और कई बार जिला स्तर पर जीत दर्ज की। शादी के बाद भी उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा। उन्होंने कुश्ती को गंभीरता से लिया और अपनी ताकत और प्रतिभा को निखारने के लिए दिन-रात मेहनत की।
द ग्रेट खली की "Continental Wrestling Academy" से ट्रेनिंग लेने के बाद, कविता ने जल्द ही WWE जैसे बड़े मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वह WWE के "मे यंग क्लासिक टूर्नामेंट" में डेब्यू करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। Kavita WWE रिंग में भारतीय पारंपरिक सलवार-कमीज पहनकर लड़ाई की, जिसने उन्हें अलग पहचान दिलाई। यह अंदाज भारतीय संस्कृति की झलक देता है और यह साबित करता है कि अपनी जड़ों से जुड़े रहकर भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलता हासिल की जा सकती है।
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Wrestler Kavita Devi की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वीरता का संदेश देने वाली कविता देवी की कहानी यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से हर बाधा को पार किया जा सकता है। उनका सफर हर भारतीय महिला के लिए एक मिसाल है, जो अपने जुनून और आत्मविश्वास के दम पर किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहती हैं।