यह कहानी है नागपुर, महाराष्ट्र की Kanchanmala Pande की, जो पूरी तरह से नेत्रहीन होते हुए भी साहस और जज़्बे की अनोखी मिसाल हैं।
Kanchanmala ने वह कर दिखाया, जो सामान्य व्यक्ति के लिए भी किसी सपने से कम नहीं होता। 2017 में मेक्सिको में आयोजित World Para Swimming Championship में उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह अंतरराष्ट्रीय Para Swimming Championship में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला तैराक हैं।
Kanchan की जीवन यात्रा संघर्षों से भरी रही।
आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद कंचनमाला ने कभी हार नहीं मानी। उनके परिवार और दोस्तों का समर्थन उनकी ताकत बना, लेकिन असली जीत उनकी अटूट इच्छाशक्ति और मेहनत की रही।
Kanchanmala Pande की कहानी हमें सिखाती है कि असली रोशनी आँखों में नहीं, बल्कि इरादों और हौसलों में होती है। कंचनमाला आज हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं, जो सपने देखने की हिम्मत करता है।