न बोल सकती है, न सुन पातीं, फिर भी इशारों-इशारों में ताइक्वांडो सीखकर 15 वर्षीय की कनिष्का शर्मा ने अपनी दिव्यांगता को मात दी है।

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भोपाल की निवासी कनिष्का ने बैतूल में आयोजित राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।

Kanishka Sharm, will become the first Indian to compete in the prestigious Asia Pacific Deaf Games.


कनिष्का ने इशारों की भाषा के माध्यम से ताइक्वांडो की बारीकियां सीखी हैं। दिव्यांगता के बावजूद, उन्होंने राज्य स्तर पर पांच स्वर्ण पदक जीते हैं और 2023 में बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया। अब उनका लक्ष्य बैतूल में स्वर्ण पदक जीतना है।

मध्य प्रदेश की स्पोर्ट्स एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही कनिष्का वर्ल्ड ताइक्वांडो और डेफ ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी कर रही हैं। उनके पिता, कपिल शर्मा, जो एक फोटोग्राफर हैं, ने बताया कि कनिष्का की दिव्यांगता का पता चलने पर उन्होंने कई अस्पतालों में इलाज कराने का प्रयास किया, लेकिन 91% दिव्यांगता के कारण डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया।

कनिष्का की इस उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक बधाई! उनका संघर्ष और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।


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