भोजपुर, जिले के बड़हरा प्रखंड के नथमलपुर गांव की मनीषा सिंह ने न केवल अपने जिले बल्कि पूरे बिहार का नाम रोशन किया है।
आर्मी हवलदार अरविंद कुमार सिंह की बड़ी बेटी मनीषा ने Indian AirForce में Flying Officer के पद पर चयनित होकर एक नई मिसाल कायम की है। मनीषा ने FCAT Exam में All India 18th Rank और Army CDS Exam में 4th Rank हासिल की है।
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तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी मनीषा का सपना हमेशा से ही देश की सेवा करना था। उन्होंने बचपन में अपने पिता की आर्मी वर्दी और उनके ड्यूटी के प्रति समर्पण को देखकर यह सपना देखा। मनीषा ने स्थानीय स्कूल से मैट्रिक और आर्मी स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली और दिल्ली में एसएसबी की कोचिंग शुरू की।
मनीषा ने कहा,
"डिफेंस में जेंडर मायने नहीं रखता, मेल हो या फीमेल, हम सोल्जर बन सकते हैं। यही वजह है कि मैंने आर्मी छोड़कर AirForce में Flying Officer बनने का विकल्प चुना। बचपन से यह मेरा सपना था।"
गरीब परिवार से आने वाली मनीषा ने अपने संघर्ष और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। उनके सपने और सफलता हर लड़की के लिए प्रेरणा हैं। मनीषा सिंह को दिल से बधाई, जिन्होंने यह साबित किया कि सच्ची लगन और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
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तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी मनीषा का सपना हमेशा से ही देश की सेवा करना था। उन्होंने बचपन में अपने पिता की आर्मी वर्दी और उनके ड्यूटी के प्रति समर्पण को देखकर यह सपना देखा। मनीषा ने स्थानीय स्कूल से मैट्रिक और आर्मी स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली और दिल्ली में एसएसबी की कोचिंग शुरू की।
मनीषा ने कहा,
"डिफेंस में जेंडर मायने नहीं रखता, मेल हो या फीमेल, हम सोल्जर बन सकते हैं। यही वजह है कि मैंने आर्मी छोड़कर AirForce में Flying Officer बनने का विकल्प चुना। बचपन से यह मेरा सपना था।"
उनके पिता अरविंद सिंह ने गर्व के साथ कहा,
"एक बाप के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि लोग मुझे मेरी बेटी के नाम से पहचानते हैं। मैंने बेटा-बेटी में कभी फर्क नहीं किया, मेरी सबसे बड़ी संपत्ति मेरे बच्चों की शिक्षा और संस्कार हैं।"गरीब परिवार से आने वाली मनीषा ने अपने संघर्ष और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। उनके सपने और सफलता हर लड़की के लिए प्रेरणा हैं। मनीषा सिंह को दिल से बधाई, जिन्होंने यह साबित किया कि सच्ची लगन और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।