वाराणसी की DR. Shipra Dhar Srivastava,
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, बेटियों के जन्म को समाज में खुशी का प्रतीक बनाने के लिए एक अनोखी पहल चला रही हैं। 2014 से, उन्होंने बेटी के जन्म पर अपनी डिलीवरी फीस पूरी तरह माफ कर दी है और मिठाइयाँ बाँटकर परिवारों के साथ इस खुशी को साझा करती हैं। उनका मानना है कि बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलने के लिए यह एक छोटा लेकिन प्रभावी कदम है।
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पिछले 10 वर्षों में, Dr Shipra Dhar ने 575 फ्री डिलीवरी की हैं, जिससे कई परिवार लाभान्वित हुए हैं। उनकी इस प्रेरणादायक पहल ने समाज को यह संदेश दिया कि बेटियाँ बोझ नहीं, बल्कि घर की लक्ष्मी हैं। उनकी इस सोच और काम की सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2019 में अपने वाराणसी दौरे के दौरान की थी।
Dr Shipra का कहना है कि बेटियों के जन्म को जश्न के रूप में मनाने से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। उनका यह कदम न केवल बेटियों के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि अन्य डॉक्टरों और समाज के लिए भी प्रेरणा है। उनकी पहल से यह साबित होता है कि बदलाव के लिए बड़े कदमों की नहीं, बल्कि सच्चे इरादों और छोटे प्रयासों की जरूरत होती है।
Dr Shipra Dhar के इस मुहिम को हर कोई सलाम करता है। चलिए, इस बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के संदेश को आगे बढ़ाने वाली डॉक्टर को दिल से बधाई दें और उनके प्रयासों का सम्मान करें।