सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज हुई, जो उस दौर की सबसे कम बजट वाली फिल्मों की लिस्ट में शामिल थी। ये फिल्म भले ही बेहद कम बजट में बनी थी लेकिन इस फिल्म में लोगों के दिलों में अनोखी छाप छोड़ी थी।
1970 से फिल्मों को लेकर बढ़ा क्रेज
1970 के दशक से धीरे-धीरे जनता के बीच में फिल्मों का क्रेज बढ़ने लगा था। लोग खुद को फिल्मों से जोड़ने लगे थे और कहानियों का आनंद उठाने लगे थे। फिल्मो को लेकर लोगों में ऐसी दीवानगी बढ़ रही थी कि लोग दूर-दराज से बैलगाड़ियों में बैठकर फिल्म देखने जाया करते थे। फिल्में देखने के बाद की लोग तो मिठाइयां तक बांटते थे और अगर कोई फिल्म धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हो तो लोग सिनेमा घर के अंदर जाने से पहले जूते चप्पल भी बाहर छोड़कर जाते थे।
लाखों के बदले मिले करोड़ों
ऐसी ही साल 1975 में एक फिल्म आई थी जिसमें सिर्फ 25 लाख रुपए की लागत लगाई गई थी लेकिन फिल्म का कलेक्शन करोड़ों में हुआ था। इस फिल्म ने लोगों के मन में ऐसी छाप छोड़ कि लोग एक्ट्रेस को देवी मां समझने लगे थे।
जय संतोषी मां हुई थी सुपरहिट
हम 1975 में रिलीज हुई 'जय संतोषी मां' फिल्म की बात कर रहे हैं। इस फिल्म के डायरेक्टर विजय शर्मा थे। इस फिल्म की कहानी आर प्रियदर्शी ने लिखी थी। बता दें कि इस फिल्म के प्रोड्यूसर सतराम रोहरा थे। इस फिल्म के लीड रोल में कानन कौशल, आशीष कुमार, त्रिलोक कपूर, भारत भूषण और कबीर खान नजर आए। इस फिल्म का म्यूजिक भी लोगों को काफी पसंद आया और काफी पॉपुलर हो गया था।
लाखों के बदले मिले करोड़ों
ऐसी ही साल 1975 में एक फिल्म आई थी जिसमें सिर्फ 25 लाख रुपए की लागत लगाई गई थी लेकिन फिल्म का कलेक्शन करोड़ों में हुआ था। इस फिल्म ने लोगों के मन में ऐसी छाप छोड़ कि लोग एक्ट्रेस को देवी मां समझने लगे थे।
जय संतोषी मां हुई थी सुपरहिट
हम 1975 में रिलीज हुई 'जय संतोषी मां' फिल्म की बात कर रहे हैं। इस फिल्म के डायरेक्टर विजय शर्मा थे। इस फिल्म की कहानी आर प्रियदर्शी ने लिखी थी। बता दें कि इस फिल्म के प्रोड्यूसर सतराम रोहरा थे। इस फिल्म के लीड रोल में कानन कौशल, आशीष कुमार, त्रिलोक कपूर, भारत भूषण और कबीर खान नजर आए। इस फिल्म का म्यूजिक भी लोगों को काफी पसंद आया और काफी पॉपुलर हो गया था।