बिना हाथ के देश को मैडल जिता के, देश का नाम रोशन किया....

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  शीतल देवी 

Sheetal Devi


धनुर्धर शीतल देबी पांव से रोजाना चलाती है 300तीर। उनकी इस मेहनत का फल पैरा इसियाड में दो स्वर्ण पदक जीतकर मिला है. शीतल का अगला लक्ष्य पेरिस पैरालम्पिक में देश के लिए शिर्ष स्थान हासिल करना है। पैर से तीर चलाकर पदक जितने बाली विश्व की पहली महिला बनने की बात, शीतल अब पैरा विश्व  तिरंदाजी रैकिंग के महिला कंपाउंड ओपन वर्ग में शिर्ष तीरंदाज़ बन गई है।


 नई दिल्ली में 'बिइंग यू' किताब के कवर लॉन्च के मौके पर, शीतल ने बताया कि वह पैरालंपिक में पदक जीतने के लिए पूरजोर अभ्यास कर रही है। उनकी यह सफलता उन्हें और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित कर रही है। शीतल का यह सफर संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा है 


                                      जय हिंद जय भारत ❤️


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