पद्म विभूषण तबला वादक Zakir Hussain का निधन हो गया है। महज 12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखने वाले जाकिर लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे
Zakir Hussain को पहली बार मिला था 5 रुपये मेहनताना, पद्म पुरस्कार समेत ग्रैमी अवॉर्ड से भी हुए थे सम्मानित
Zakir Hussain Passed Away: जाकिर हुसैन को केवल 37 साल की उम्र में 1988 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उसके बाद 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था. 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
12 साल की उम्र में 5 रुपये मिला था मेहनताना
Zakir Hussain को तबला बजाने की कला विरासत में मिली थी. तबला से लगाव होने के कारण वो बचपन से ही अच्छा तबला बजाने लगे थे. बताया जाता है कि 12 साल की उम्र में जाकिर हुसैन अपने पिता के साथ एक कार्यक्रम में गए थे. उस कार्यक्रम में पंडित रविशंकर और बिस्मिल्लाह खान समेत कई और संगीत के हस्तयां मौजूद थी. अपने पिता के साथ जाकिर हुसैन ने भी अपना परफॉर्मेंस दिया था. उनकी कला से सभी लोग बहुत प्रभावित हुए थे. कार्यक्रम की समाप्ती पर उन्हें 5 रुपये मिले थे. एक इंटरव्यू में जाकिर हुसैन ने बताया था कि उनकी जिंदगी में वो 5 रुपये सबसे ज्यादा कीमती थे.ज़ाकिर हुसैन कई सम्मान से हो चुके थे सम्मानित
Zakir Hussain को केवल 37 साल की उम्र में 1988 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उसके बाद 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था. 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. जाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया था.ज़ाकिर हुसैन को कब-कब मिला था सम्मान
- 1988 में पद्मश्री
- 2002 में पद्म भूषण
- 2023 में पद्म विभूषण
- 1992 में ग्रैमी अवार्ड
- 2009 में ग्रैमी अवार्ड