कंचनमाला ने गुरुबार को इतिहास रच दिया है। दृष्टिहीन Kanchanmala Pande world para swimming championship 2024 में स्वर्ण पदक जितने वाली पहली भारतीय तैराक बन गईं।
Kanchanmala Pande, जो आँखों से पूरी तरह अंधी हैं, ने अपने साहस, संघर्ष और अटूट इच्छाशक्ति से देश के लिए एक अनमोल प्रेरणा बनकर दिखाया है। नागपुर, महाराष्ट्र की रहने वाली कंचनमाला ने भारतीय पैरा-तैराकी में वो मुकाम हासिल किया है, जिसे पाना सामान्य व्यक्ति के लिए भी बेहद कठिन होता है। उनके जीवन में अंधेरा होने के बावजूद, उन्होंने देश के लिए कई पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि असली रोशनी इंसान के हौसलों में होती है।
Kanchanmala Pande ने 2017 में मेक्सिको में हुई world para swimming championship में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। वह अंतरराष्ट्रीय पैरा-स्विमिंग चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला तैराक हैं। उनकी इस जीत ने उन्हें न सिर्फ अपने शहर और देश में, बल्कि पूरे विश्व में एक प्रेरणास्रोत बना दिया है।
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उनके संघर्ष की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी Kanchanmala Pande ने अपने सपनों को साकार किया। उनके परिवार और करीबी मित्रों ने हर कदम पर उनका साथ दिया, लेकिन उनकी मेहनत और संकल्प ने ही उन्हें इस ऊंचाई तक पहुँचाया। कंचनमाला का सफर हमें यह सिखाता है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, सच्चे इरादों और मेहनत से हर बाधा को पार किया जा सकता है।