3 साल के बैन से बढ़ी मुश्किलें
अनिल अंबानी की कंपनियों इस टेंडर की शर्तों के मुताबिक नकली डॉक्यूमेंट पेश करने की वजह से बिडर SECI के भविष्य में आने वाली टेंडर के लिए बोली नहीं लगा सकेगा।
इस वजह से सरकारी कंपनी ने लगाया है बैन
जून में एक टेंडर रिलीज किया सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (SECI) ने, इस टेंडर में अनिल अंबानी की कंपनियों की तरफ से कथित फर्जी दस्तावेज जमा करने की बात सामने आई है। इसी के बाद सरकारी कंपनी ने यह पाबंदी लगाई है। इस टेंडर में 1000 MW/ 2000 MWh स्टैंडअलोन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन में निविदा मांगी थीं। इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद टेंडर प्रक्रिया को कैंसल कर दिया गया है।
SECI ने नोटिस में कहा है
महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड, जो अब Reliance NU BESS Limited है, ने जो दस्तावेज जमा किए थे उनकी जांच की गई, जिसके आधार पर पता चला कि टेंडर के लिए जो जरूरी बैंक गारंटी दी गई थी, ( जिसे एक विदेशी बैंक ने जारी किया था) वह फर्जी थी। अब चुंकि यह गड़बड़ी ई-रिवर्स नीलामी के बाद पाए थे, इसलिए (SECI) को टेंडर की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस मामले की जांच करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा की बिडर कंपनी की ओर से सभी कमर्शियल और स्ट्रैटेजिक फैसले पेरेंट कंपनी की ओर से हुए थे। इसी को आधार बनाते हुए Reliance NU BESS and Reliance Power Limited ( इसकी सब्सिडीरी कंपनियों सहित) को भविष्य के सभी टेंडर में भाग लेने से रोक दिया है। इसलिए यह 3 साल तक बैन रहेगा।