Ajahn Siripanyo ने 40000 करोड़ का इकलौता मालिक बना भिक्षु...

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दुनिया के हर माता-पिता चाहते हैं की उनका बेटा उनसे भी बड़ा कामयाब इंसान बने। Ven Ajahn Siripanyo कि माता-पिता भी चाहते थे उनके बेटा बिजनेसमैन, डॉक्टर, नेता और अभिनेता समेत हर शख्स की यही ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे उनकी विरासत संभाले और उसे खूब बढ़ाएं।

Ajahn Siripanyo left his luxurious life and followed the path of religion.

हालांकि, बच्चों की अपनी मर्जी होती है कि वे जिंदगी में क्या करना चाहते हैं। आमतौर पर ज्यादातर बच्चे अपने मां-बाप की इच्छाओं को पूरा करने में लग जाते हैं। लेकिन, हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने उद्योगपति पिता के 5 अरब डॉलर के व्यापारिक साम्राज्य को ठुकरा दिया और धर्म के प्रचार के लिए सारी सुख-सुविधाएं त्याग दीं। 40000 करोड़ के वारिस Ajahn Siripanyo अब बौद्ध भिक्षु बन गए हैं।


मलेशियाई टेलीकॉम टाइकून कंपनी की मालिक Ananda Krishnan के बेटे Ajahn Siripanyo ने लग्जरी लाइफ को छोड़कर धर्म की राह पर निकल पड़े। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, आनंद कृष्णन मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी हैं, जिनकी कुल संपत्ति 40,000 करोड़ रुपये (5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) से ज्यादा है। वहीं, उनकी मां भी राजघराने से तालुक रखती हैं।


मलेशिया में बड़े-बड़े बिजनेस

मलेशिया में Ananda Krishnan के टेलिकॉम, मीडिया, ऑयल, गैस और रियल एस्टेट जैसे बिजनेस में शामिल हैं। यह विशाल बिजनेस एम्पायर Ajahn Siripanyo को विरासत में मिल रहा था, लेकिन उन्होंने यह सांसारिक सुख छोड़कर धर्म को चुना और उस दिशा में आगे बढ़ गए। हैरानी की बात है कि Ajahn Siripanyo age 18 साल की थीं ताब अपने सुख-सुविधाओं को छोड़कर बौद्ध भिक्षु बन गए।


Ajahn Siripanyo ने आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत थाईलैंड यात्रा के दौरान शुरू की। जहां वे अस्थायी रूप से बौद्ध रिट्रीट में रहे। इस छोटी-सी अवधि में उन्हें धर्म और जीवन के सत्य का एहसास हुआ। इसके बाद तो मानों उन्होंने फैसला कर लिया कि वे आजीवन धर्म की राह पर चलेंगे। अजहान सिरिपन्यो, अब थाईलैंड-म्यांमार सीमा के पास स्थित दताओ दम मठ के मठाधीश के रूप में रह रहे हैं।

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