कश्मीर की बेटी Tajamul islam kickboxing के क्षेत्र में अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि दुनिया भर में अपनी अलग पहचान भी बनाई है।
मात्र 9 साल की उम्र में Tajamul islam ने चीन, जापान, अमेरिका, फ्रांस, और कनाडा जैसे देशों के खिलाड़ियों को मात देकर किकबॉक्सिंग की विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। इस अद्भुत उपलब्धि ने उन्हें देश की सबसे कम उम्र की गोल्ड मेडलिस्ट बना दिया।
Tajamul islam की यह यात्रा आसान नहीं रही। कश्मीर के बांदीपोरा जिले से ताल्लुक रखने वाली तजामुल का सफर कठिनाइयों से भरा हुआ था। लेकिन उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और सपनों को साकार करने की जिद ने हर बाधा को पार कर दिया। वह हमेशा से कुछ बड़ा करने का सपना देखती थीं, और उनकी यह मेहनत रंग लाई जब उन्होंने 2016 में सब-जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी का खिताब हासिल किया हैं।
Tajamul islam की यह यात्रा आसान नहीं रही। कश्मीर के बांदीपोरा जिले से ताल्लुक रखने वाली तजामुल का सफर कठिनाइयों से भरा हुआ था। लेकिन उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और सपनों को साकार करने की जिद ने हर बाधा को पार कर दिया। वह हमेशा से कुछ बड़ा करने का सपना देखती थीं, और उनकी यह मेहनत रंग लाई जब उन्होंने 2016 में सब-जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी का खिताब हासिल किया हैं।
Tajamul islam Gold medal जीतकर फिर एक बार इतिहास रचते हुए दूसरी बार किकबॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप में भारत का मान बढ़ाया है। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने उन्हें एक बार फिर से देशभर में चर्चित कर दिया है। यह न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनके अनुशासन, आत्म-विश्वास और समर्पण का जीता-जागता उदाहरण भी है।
Tajamul islam की इस अद्वितीय सफलता ने देश के युवाओं को एक प्रेरणास्त्रोत दिया है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों और कड़ी मेहनत की जाए, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। Tajamul का यह सफर उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो खेल के क्षेत्र में कुछ बड़ा हासिल करना चाहती हैं।