Sheetal Devi, भारतीय पैरा-तीरंदाजी की दुनिया में एक असाधारण प्रतिभा हैं, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और अद्वितीय कौशल से सबको चकित कर दिया है। शीताल का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें असाधारण बना दिया।
वे बिना हाथों के पैदा हुईं, लेकिन उन्होंने इस शारीरिक चुनौती को कभी अपने सपनों के बीच में नहीं आने दिया।
शीताल ने पैरा-तीरंदाजी में अपने पैरों से तीर चलाने की कला विकसित की है और अपने अभ्यास के दौरान रोज़ाना 300 तीर चलाती हैं। यह उनकी मेहनत, समर्पण और अद्वितीय कौशल का प्रमाण है।
शीताल देवी की इस मेहनत का फल उन्हें 2024 के पेरिस पैरालंपिक में मिला, जब उन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता।
पेरिस में जीता गया यह कांस्य पदक न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और यह साबित किया कि शारीरिक चुनौतियां किसी के सपनों को बाधित नहीं कर सकतीं, बशर्ते आपके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत हो।
शीताल देवी की कहानी सच्चे साहस और अटूट विश्वास की मिसाल है। उनके द्वारा रोज़ाना 300 तीर चलाने का अभ्यास और पेरिस में कांस्य पदक जीतने की उनकी उपलब्धि, दोनों ही इस बात का उदाहरण हैं कि इंसान अपनी सीमाओं को पार कर सकता है। उनकी यह यात्रा न केवल उन्हें बल्कि उन सभी को प्रेरणा देती है, जो किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहे हैं।