रिंकू हूडा भारतीय पैरा-एथलीट हैं, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है।
रिंकू का जन्म (1 जनवरी 1999) हरियाणा के एक छोटे से गाँव में हुआ था।
बचपन में एक हादसे के कारण उनके शारीरिक विकास में बाधा आ गई, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर रिंकू ने पैरा-एथलेटिक्स की दुनिया में एक खास मुकाम हासिल किया।
रिंकू ने भाला फेंक (जैवेलिन थ्रो) को अपना करियर चुना और इसमें उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 2016 में रियो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना रहा। इसके बाद, उन्होंने कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
रिंकू के माता-पिता, जो हरियाणा के एक किसान परिवार से हैं, उन्होंने हमेशा अपने बेटे को समर्थन दिया और उसे प्रेरित किया।
रिंकू के पिता, एक मेहनती किसान हैं, और उनकी मां ने भी परिवार की देखभाल के साथ-साथ रिंकू की हर जरूरत का ख्याल रखा। दोनों ने अपने बेटे के सपनों को पूरा करने में हरसंभव प्रयास किया और कठिनाइयों के बावजूद उन्हें कभी हार मानने नहीं दिया। उनके माता-पिता के सहयोग और प्रोत्साहन ने रिंकू को विश्व स्तर पर सफल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।।