बहन बेटियाँ, सभधान। आज के जमाने...

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बहन बेटियाँ, सभधान

 जब कोई रिश्तेदार मामा, चाचा, ताऊ, फूफा, मौसा पड़ोसी, कज़िन भैया आदि प्रकार का रिश्ता किनारे रख कर तुमसे कहने लगे "रिश्ते अपनी जगह ,पर मैं तो तुम्हें अपनी फ्रेंड मानता हूँ।

तुम एक मॉर्डन गर्ल हो आज के ज़माने की तो पुराने टाइप के रिश्ते मत मानो।


"तो अपने माता पिता भाई को बता दो" क्योंकि उनकी नियत में खोट है।


फेसबुक के फ्रेंड किसी फ्रेंडशिप के प्रतीक नहीं हैं । फेसबुक फ्रेंड मतलब फालतू के फ्रेंड, सिर्फ ऑनलाइन हैं ये, 

इनसे जिंदगी पर तब तक कोई फर्क नही जबतक असल जिंदगी में न मिलो।।

अतः फेसबुक पर उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को संदेह से न देखो...

पर इनबॉक्स और व्हाट्सअप में वीडियो कोटेशन शेयर करने लगें तो सावधान।


पुरुषों के हथकंडे -

वे तुमसे ऐसे बातें करेंगे कि दर्द आंखों से छलक पड़े

स्वयं को अपनी पत्नी के पिछड़ेपन से त्रस्त दिखाएंगे 

खुद हैंडसम बने रह कर जताएंगे कि बहुत पुराने विचारों की पत्नी मिली है,दर्द किससे कहे...

  

तुम अगर कह बैठी कि मुझसे कहिये, मै हूँ न तो बस तुम्हारा जीवन उनके हवाले हो गया।


पत्नी को बीमार बता सकते हैं

पत्नी के अवैध संबंधों की झूठी बात बता कर सहानुभूति लूटेंगे..


तुम्हें सुंदर और इंटेलीजेंट बता कर काबू करेंगे,

तुम में उन्हें अचानक ऐश्वर्या, सानिया, कल्पना चावला दिखने लगेगी।

तुम्हारी मम्मी - पापा की ज़्यादा केअर शुरू करेंगे,


तुम्हें वो गिफ्ट करना शुरू करेंगे जो पापा नहीं दे सकते 

कोई कुछ कहेगा भी नहीं 

उनसे रिश्ता ही ऐसा है अचानक गिफ्ट बढ़ जाएं

कपड़े ज़्यादा प्राप्त होने लगें घर आना जाना बढ़ जाये

तुम्हें एग्जाम दिलाने वे स्वयं जाने लगे।


सभधान-

कोई पुरुष रिश्ते की आड़ में तुम्हें लूटने की तैयारी में है।

अच्छी नियत वाले भी अलग दिख जाते हैं, सबसे सुरक्षित रहें।।।

माँ - बाप, सगे भाई- बहन के अलावा कोई हितैषी नही..!


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