हम खुद ही वृद्धाश्रम का रास्ता साफ करते हैं। वृद्धाश्रम जाने के लिए।
अपने बच्चों को टिफिन देकर स्कूल भेजते समय अगर आप कहे कि यह टिफिन आप अकेले ही खाहंगे तो किसी और को न दें।
और जब यही बच्चा बड़ा हो जाएगा तो तुम्हें वृद्धाश्रम भेज देगा।
क्योंकि वह आपसे सीखता है कि अपना भोजन दूसरें को न दें, वह बड़ा होकर एक स्वार्थी व्यक्ति बनेगा।
तो वह आपको अपनी मेहनत की कमाई खिलाना नहीं चाहेगा।
इसलिए अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही अपने टिफिन सब के सत मिलके खाए, और लोगों से प्यार करना सिखाए।
लोगों के खतरे में उनके साथखड़े रहने को कहें। आप देखेंगे की जब आपका यह बच्चा बड़ा होगा तो वह सिर्फ आपसे ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से प्यार करेगा। नहीं तों बुढ़ापे में आपको आँसू पोंछने होंगे।