सत्संग दौरान भागदड़ मचने से 121 लोगोंकी मौत:
मरने बालो मैं अधिकतर महिला और बच्चे थे। इस मामले की जांच जारी हैं।
जान बचाने का सबसे अहम समय होते हैं, शुरुआत 4 मिनट। अगर लोग 10 से 12 मिनट तक भगदौर में फंस जाए तो शरीर के अहम अंगों को नुकसान से बचाना बहुत मुश्किल होता है।
कुछ ऐसे तरीका है, जिनके जरिए भाग दौड़ की स्थिति मैं आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
टिप्स: भगदड़ से कैसे बचें....
हाथरस हादसा :121 लोगों की मौत के लिए कौन सी गल्तीया जिम्मेदार?
आयोजकों ने 80 हज़ार लोगों की अनुमति ली, जबकि सत्संग में ढाई लाख शामिल हुए।
चश्मेदिदो के मुताबिक, सत्संग समाप्त होने पर जब भोले बाबा बापस लौट रहे थे तब भोक्तो में उनके चरणों की धूल लेने की हरकॉम मच गई। भोक्त इस धूल को माथे से लगाते हैं। और गले में लॉकेट में पहनते हैं।
खेत की मिट्टी गीली थी। हाईवे और खेत के बीच फीचलन भरी ढलान थी। भीड़, जिसमें अधिकतर महिला और बच्चे थे। इस गड्ढे में फिसल गए। पहले एक दो लोग गिरे फिर लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। जो आगे बढ़ सकते थे।बो नीचे गिरे लोगों को कुचल कर आगे बढ़ते रहे। कुछ ही मिनट के भीतर सौकड़ो लोग बेहोश हो गए।